17 मे : पंतप्रधान डॉ. मनमोहन सिंग यांनी आपल्या पदाचा राजीनामा देण्यापूर्वी राष्ट्राला उद्देशून आज (शनिवारी) सकाळी शेवटचं भाषण केलं. यात त्यांनी देशाच्या उज्ज्वल भविष्याविषयी त्यांनी आशा व्यक्त केली. या भाषणात पंतप्रधानांनी मोदींचा उल्लेख टाळला. तसंच त्यांनी देशातील्या जणतेचे आभार मानले.
जनतेनं दिलेल्या कौलाचा आम्ही आदर करतो. देशाच्या उज्ज्वल भविष्याविषयी मला विश्वास आहे. माझं आयुष्य एका उघड्या पुस्तकासारखं आहे. या देशाचा पंतप्रधान होणं माझ्यासाठी अभिमानाची गोष्ट आहे. मला विश्वास आहे की, येणारे सरकार आपल्या कामाच यशस्वी ठरेल असा विश्वास पंतप्रधानांनी व्यक्त केला.
लोकसभा निवडणुकीत एनडीएचं सरकार बहुमतानं निवडून आलंय, त्यानंतर आज पंतप्रधान मनमोहन सिंग राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जी यांना भेटून आपल्या पदाचा राजीनामा देणार आहेत.
पंतप्रधानांचं शेवटचं भाषण जसेच्या तसे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का राष्ट्र के नाम सन्देश निम्नानुसार है:- प्यारे देशवासियों, आज मैं आपको प्रधानमंत्री के रूप में आखिरी बार संबोधित कर रहा हूँ। दस साल पहले इस ज़िम्मेदारी को संभालते वक्त मैंने अपनी पूरी मेहनत से काम करने और सच्चाई के रास्ते पर चलने का निश्चय किया था। मेरी ईश्वर से प्रार्थना थी कि मैं हमेशा सही काम करूँ। आज, जब प्रधानमंत्री का पद छोड़ने का वक्त आ गया है, मुझे अहसास है कि ईश्वर के अंतिम निर्णय से पहले, सभी चुने गए प्रतिनिधियों और सरकारों के काम पर जनता की अदालत भी फैसला करती है। मेरे प्यारे देशवासियों, आपने जो फ़ैसला दिया है, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। इन लोकसभा चुनावों से हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें मज़बूत हुई हैं। जैसा मैंने कई बार कहा है, मेरा सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब है। मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से अपने महान राष्ट्र की सेवा करने की कोशिश की है। पिछले दस सालों के दौरान हमने बहुत सी सफलताएं और उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर हमें गर्व है। आज हमारा देश हर मायने में दस साल पहले के भारत से कहीं ज़्यादा मज़बूत है। देश की सफलताओं का श्रेय मैं आप सबको देता हूँ। लेकिन अभी भी हमारे देश में विकास की बहुत सी संभावनाएं हैं जिनका फायदा उठाने के लिए हमें एकजुट होकर कड़ी मेहनत करने की ज़रुरत है। प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद भी आपके प्यार और मोहब्बत की याद हमेशा मेरे ज़हन में ताज़ा रहेगी। मुझे जो कुछ भी मिला है, इस देश से ही मिला है। एक ऐसा देश जिसने बंटवारे के कारण बेघर हुए एक बच्चे को इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया। यह एक ऐसा कर्ज़ है जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता। यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा। मित्रों, मुझे भारत के भविष्य के बारे में पूरा इत्मीनान है। मुझे पक्का विश्वास है कि वह समय आ गया है जब भारत दुनिया की बदलती हुई अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा। परंपरा को आधुनिकता के साथ और विविधता को एकता के साथ मिलाते हुए हमारा देश दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है। अपने महान देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरा सौभाग्य रहा है। मैं इससे ज़्यादा कुछ और नहीं मांग सकता था। मेरी शुभकामना है कि आने वाली सरकार अपने काम-काज में हर तरह से सफल रहे। मैं अपने देश के लिए और भी बड़ी सफलताओं की कामना करता हूं। धन्यवाद। जय हिन्द।
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